रायपुर: छत्तीसगढ़ में आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जीवाड़ा करने वाले 30 अस्पतालों पर गाज गिरी है। राज्य सरकार ने इन अस्पतालों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इन अस्पतालों पर आरोप है कि उन्होंने योजना का गलत फायदा उठाते हुए मरीज़ों को भर्ती किए बिना ही उनके आयुष्मान कार्ड्स का दुरुपयोग किया है।
सरकारी जांच में यह पाया गया कि इन अस्पतालों ने बिना मरीज़ों को भर्ती किए उनके आयुष्मान कार्ड्स से फर्जी तरीके से पैसे लिए हैं। इसके अलावा, कुछ अस्पतालों ने गलत डायग्नोसिस बनाकर मरीज़ों के कार्ड्स से पैसे काटे हैं। इस तरह के फर्जीवाड़े से न केवल मरीजों को बल्कि योजना को भी भारी नुकसान हुआ है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ऐसे अस्पतालों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। यदि समय पर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो इन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना और जुर्माना लगाना शामिल है।
आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। ऐसे में इन अस्पतालों का इस प्रकार का दुरुपयोग न केवल योजना की गरिमा को ठेस पहुंचाता है बल्कि जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल में भी बाधा उत्पन्न करता है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच तेज कर दी है और दोषी पाए गए अस्पतालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की तैयारी कर ली है। सरकार का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर ऐसे फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं करेंगे और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
आयुष्मान योजना के तहत हुए इस फर्जीवाड़े ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता को उम्मीद है कि सरकार इस मामले में त्वरित और प्रभावी कदम उठाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार के घोटाले न हो सकें और गरीबों को उनका हक सही तरीके से मिल सके।