डॉ. युगल चंद्राकर सोहम अस्पताल के निदेशक ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा, “हमने इस प्रकार की परिस्थिति पहले कभी नहीं देखी। पिछले दो महीनों में ब्रेन हेमरेज के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, और इनमें से अधिकांश मरीज लकवा से भी ग्रस्त हैं। यह चिंताजनक है और हमें इसके पीछे के कारणों की गहन जांच की आवश्यकता है।”
ब्रेन हेमरेज का मुख्य कारण उच्च रक्तचाप (BP) या हाइपरटेंशन है। ज़्यादातर मरीज़ों को शुरुआती दौर में यह पता नहीं होता कि उन्हें BP की परेशानी है। BP के अचानक बढ़ जाने से सिर की नसें फट जाती हैं, जिससे ब्रेन हेमरेज होता है। डॉ. यूगल चंद्राकर ने बताया कि कई मरीज अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में उपचाराधीन हैं और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि BP की नियमित जाँच अत्यंत महत्वपूर्ण है। जो भी BP के मरीज़ हैं, उन्हें नियमित रूप से BP की दवाई लेना जारी रखना चाहिए। इस स्थिति में लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति के पीछे बदलती जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर भोजन, और मानसिक तनाव प्रमुख कारण हो सकते हैं। डॉ.युगल चंद्राकर ने समाज से अपील की है कि वे अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराते रहें। उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी स्थितियों को नियंत्रित रखने के लिए दवा और स्वास्थ्यकर जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।
सोहम अस्पताल ने इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त संसाधनों और विशेषज्ञों को भी शामिल किया है। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि वे मरीजों को सर्वोत्तम उपचार और देखभाल प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
इस घटना ने महासमुंद और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। जनता से अपील की जाती है कि वे किसी भी असामान्य स्वास्थ्य लक्षण को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सा सलाह लें। सोहम अस्पताल इस चुनौतीपूर्ण समय में समुदाय के साथ खड़ा है और स्वास्थ्य सेवाओं को उच्चतम मानकों पर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।